राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं 2024- जाने विस्तार से

भारत में बढ़ती गरीबी को कंट्रोल करने के लिए और गरीब परिवारों को बेहतर जीवन यापन हेतु केंद्र सरकार के द्वारा राशन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज की शुरुआत की गई है इसके माध्यम से उन सभी गरीब परिवारों को सरकारी राशन वितरण प्रणाली की दुकानों से कम एवं सस्ती किफायती दरों में खाद पदार्थ मुहैया कराया जाता है जिसमे मुख्य रूप से दाल,चावल,चीनी गेहूं, केरोसिन आदि होता है। ऐसे में देश में Ration Card,खाद एवं रसद आपूर्ति विभाग के द्वारा मुहैया कराया जाता है जोकि हितग्राहियों की पात्रता देखने के बाद ही उन्हें प्रदान किया जाता है तो यदि कोई व्यक्ति राशन कार्ड बनवाना चाहता है तो सबसे पहले उसे अपनी पात्रता के अनुसार Ration Card Kitne Prakar Ke Hote Hai यह जान लेना आवश्यक होता है।

Ration Card की शुरुवात कबसे हुए?

भारत में राशन कार्ड को सर्वप्रथम बंगाल अकाल के दौरान वर्ष 1940 में शुरू किया गया था क्योंकि उस समय पूरा देश अंग्रेजों के अधीन था और ऐसे में अंग्रेजों ने Ration Card जैसे दस्तावेज की शुरुआत करके सभी गरीब लोगों को राशन बांटने का कार्य किया था जिसके बाद इसे संपूर्ण देश में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1945 में एक योजना के तौर पर संचालित किया जाने लगा राशन कार्ड एक प्रकार का महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो कि देश के नागरिकों के लिए काफी ज्यादा लाभदायक माना जाता है और वर्तमान समय में केंद्र सरकार के द्वारा Ration Card कई प्रकार के मुहैया कराए जाते हैं जिसके बारे में विस्तृत जानकारी आपको प्रदान की जाएगी।

Ration Card Kitne Prakar Ke Hote Hai
Ration Card Kitne Prakar Ke Hote Hai

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Key Highlights of Types of Ration Card

लेख राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं 2024
योजनाRation Card
मुख्य सूत्रधारकेंद्र सरकार
संचालनदेश की सभी राज्य सरकारों द्वारा
विभागखाद एवं रसद आपूर्ति विभाग
वितरण प्रणाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली
लाभार्थीदेश के अंतर्गत सभी राज्यों के गरीब परिवार
उद्देश्यगरीब परिवारों को सस्ती दरों में अनाज मुहैया कराना

Ration Card Kitne Prakar Ke Hote Hai

  • अंत्योदय राशन कार्ड (AAY)
  • बीपीएल राशन कार्ड (BPL)
  • एपीएल राशन कार्ड (APL)
  • अन्नपूर्णा राशन कार्ड (AY)
  • प्राथमिकता राशन कार्ड (PHH)

अब हम आपको राशन कार्ड के सभी प्रकारों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जिससे आप भी उपरोक्त सूचीबद्ध किए गए Ration Card के प्रकारों के बारे में जानकारी हासिल कर सके।

अंत्योदय राशन कार्ड(AAY)

Ration Card का सबसे निचला स्तर जो होता है वह अंत्योदय राशन कार्ड होता है जो कि केंद्र सरकार के NFSA के अंतर्गत जारी किए जाते हैं इस राशन कार्ड को उन्हीं व्यक्ति एवं परिवारों को प्रदान किया जाता है जो कि आर्थिक रूप से अधिक कमजोर होते हैं और उनकी आय का साधन निरंतर नहीं बना रहता है खासतौर से यह Ration Card देश में बेरोजगार, महिला एवं बुजुर्गों को प्रदान किया जाता है और इस राशन कार्ड के माध्यम से 35 किलो अनाज प्रत्येक परिवार को दिया जाता है जिसमें गेहूं ₹2 प्रति किलो और चावल ₹3 प्रति किलो की दर से प्राप्त होता है।

बीपीएल राशन कार्ड(BPL)

देश में जितने भी राज्य हैं उनके अंतर्गत खाद विभाग के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा बीपीएल राशन कार्ड को नागरिकों की पात्रता देखकर जारी किया जाता है ऐसे में जो भी परिवार गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करता है उसे इस Below Poverty Line Ration Card के माध्यम से प्रत्येक परिवार को लगभग 10 से 20 किलो खाद पदार्थ प्रतिमाह मुहैया कराया जाता है हालांकि अलग-अलग राज्यों में इसकी मात्रा अलग-अलग निर्धारित की गई है जो कि अनाजों की कीमत भी राज्य सरकारों के द्वारा निर्धारित की जाती है।

एपीएल राशन कार्ड(APL)

राज्य सरकार के अधीन खाद विभाग के द्वारा Above Poverty Line (APL) Ration Card को जारी किया जाता है और जो भी परिवार गरीबी रेखा से ऊपर अपना जीवन यापन करता है उसे इस राशन कार्ड के माध्यम से लगभग 10 से 20 किलो राशन प्रतिमाह देने का कार्य किया जाता है जिसमें खाद पदार्थों की जो कीमत होती है वह राज्य सरकार ही निर्धारित करती है हालांकि सामान्य तौर पर ₹3 किलो गेहूं और ₹5 किलो चावल देने का कार्य किया जाता है

अन्नपूर्णा राशन कार्ड(AY)

अन्नपूर्णा राशन कार्ड राज्य सरकार के द्वारा ही केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर जारी किया जाता है जिसको संचालित करने का जिम्मा खाद विभाग के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दिया जाता है और इस राशन कार्ड के माध्यम से जितने भी 65 वर्ष से अधिक के करीब बुजुर्ग है उन्हें 10 किलो प्रतिमाह राशन मुहैया कराए जाता है ऐसे में उन बुजुर्गों के लिए पर्याप्त राशन की व्यवस्था की जाती है जिससे उनका जीवन यापन बेहतर तरीके से चल सके और उन्हें किसी अन्य पर निर्भर रहने की आवश्यकता ना पड़ सके।

प्राथमिकता राशन कार्ड(PHH)

देश में कोरोना महामारी के समय इस महत्वपूर्ण प्राथमिकता राशन कार्ड को जारी किया गया था जोकि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर सभी राज्य सरकार के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीब घरेलू परिवारों की पहचान करके प्रदान किया गया था इस Ration Card के माध्यम से प्रति यूनिट 5 किलो राशन प्रतिमाह दिया जाता था जिसमें चावल ₹3 और गेहूं ₹2 प्रति किलो की दर से प्रदान किया जाता था ऐसे में जिन भी राशन कार्ड में ज्यादा यूनिट होती थी उसे उतनी ही दर से खाद पदार्थ मुहैया कराया जाता था जिससे महामारी के दौरान कोई भी गरीब परिवार भुखमरी का शिकार ना हो सके।

राशन कार्ड के प्रकारों से संबंधित कुछ सवाल और जवाब (FAQs)
देश में अन्नपूर्णा राशन कार्ड किन लोगों को प्रदान किया जाता है?

भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां पर अन्नपूर्णा राशन कार्ड को जारी किया जाता है ऐसे में उन राज्यों में जितने भी गरीब बुजुर्ग हैं जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक हो चुकी है उन्हें प्रतिमाह 10 किलो अनाज अन्नपूर्णा राशन कार्ड के माध्यम से प्रदान किया जाता है।

राशन कार्ड को सबसे पहले देश में कब और किसके द्वारा जारी किया गया?

वर्ष 1940 में बंगाल में आए अकाल के दौरान अंग्रेजी सरकार ने राशन कार्ड को सबसे पहले जारी किया था जिसके माध्यम से बंगाल के जितने भी गरीब परिवार थे उन्हें चिन्हित करके राशन कार्ड प्रदान किया जाता था जिसकी बदौलत उन्हें मुफ्त में खाद पदार्थ मुहैया कराया जाता था।

किस राशन कार्ड के माध्यम से सबसे अधिक अनाज परिवारों को प्रदान किया जाता है?

देश में अंत्योदय राशन कार्ड के माध्यम से किसी भी गरीब परिवार को प्रतिमा 35 किलो अनाज देने का कार्य किया जाता है जो कि ₹2 प्रति किलो गेहूं और ₹3 प्रति किलो चावल उन्हें मुहैया कराया जाता है।

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